राज्य स्तरीय बाल विज्ञान प्रतियोगिता में जनपद प्रतापगढ़ के चार प्रोजेक्ट हुए चयनित

बिंदु वर्मा ब्यूरो चीफ 

प्रतापगढ़।३१वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस २०२३-२४ में जनपद स्तर पर चयनित ४ प्रोजेक्ट द्वारा राज्य स्तरीय प्रदर्शनी हेतु की गई स्क्रीनिंग में भी अपना स्थान बनाए रखा । इन चारों प्रोजेक्ट्स की स्क्रीनिंग राज्य स्तरीय विशेषज्ञों द्वारा की गई तथा इन चारों प्रोजेक्ट्स का राज्य स्तरीय प्रस्तुति हेतु अंतिम रूप में चयन किया गया जो जनपद के लिए गौरव की बात है । चारों प्रोजेक्ट्स के चयन के पीछे जनपद स्तर पर इस कार्यक्रम को नेतृत्व प्रदान कर रहे जिला समन्यवक श्याम प्रकाश मौर्य, जिला समन्यवक (एकेडमिक) राजीव कुमार सिंह, सह-समन्यवक डॉ० योगेश प्रताप सिंह एवं निष्पक्ष तथा दूरदर्शी निर्णायकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही । निर्णायक मण्डल में मुख्य रूप से डॉ० आशुतोष सिंह, विजय विश्वकर्मा, अखिलेश सिंह, मोहम्मद शोएब, डॉ० दिनेश पाण्डेय, डॉ० योगेश प्रताप सिंह, डॉ० धर्मेंद्र प्रताप सिंह रहे ।चयनित प्रोजेक्ट्स का प्रस्तुतीकरण १, २ व ३ दिसम्बर को मिर्ज़ापुर में होगा, इनमें से २१न्तिम रूप से चयनित १०० प्रोजेक्ट्स में बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालय नरहरपट्टी के अवशिष्ट पुष्पीय प्रोजेक्ट का राज्य भर में द्वितीय स्थान है जो कि पूरे जनपद और बेसिक शिक्षा परिषद के लिए गौरव का विषय है ।३१वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस २०२३ के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के दूसरे चरण के लिए प्रतापगढ़ जिले से जो ४ प्रोजेक्ट चयनित हुए हैं उसमें संस्कार ग्लोबल स्कूल के २ प्रोजेक्ट शामिल हैं । पहला प्रोजेक्ट कचरा प्रबन्धन से सम्बंधित है जिसके बाल विज्ञानी कक्षा ९ की छात्राएं आयशा वहीद और अंशिका सिंह हैं और मार्गदर्शक शिक्षक अमित सोनी हैं तथा दूसरा प्रोजेक्ट सैनिटरी पैड के उचित प्रयोग से सम्बंधित है जिसके बाल विज्ञानी कक्षा ८ की छात्राएं अश्वि पाण्डेय और मुग्धा शुक्ला हैं और मार्गदर्शक शिक्षिका अंकिता सिंह हैं । बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालय मरुआन बाबा बेलखरनाथ धाम प्रतापगढ़ के छात्र,शौर्य पाण्डेय और नन्द गोपाल तिवारी कक्षा ८ का शोधपत्र राज्यस्तर के लिए चयनित हुआ । छात्रों ने अपने स्थानीय परिवेश में पाए जाने वाले खरपतवार ममरी का उपयोग कर एक प्राकृतिक मॉसकीटो रिपेलेन्ट बनाया है जो बाजार में बिकने वाले महँगे रासायनिक पदार्थों की अपेक्षा अत्यंत सस्ता और इको-फ्रेंडली है । इस प्रोजेक्ट की मार्गदर्शक शिक्षिका रश्मि मिश्रा हैं । उच्च प्राथमिक विद्यालय नरहरपट्टी मान्धाता की छात्राएं स्तुति एवं दीपिका द्वारा मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले पुष्पों के उचित निस्तारण की व्यवस्था न होने से होने वाली समस्याओं पर शोध कर इस बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने एवं इन पुष्पों का प्रयोग अगरबत्ती बनाने में करने के साथ ही इसे लघु उद्योग के रूप स्थापित करने हेतु अवधारणा संबंधित प्रोजेक्ट का निर्माण किया ।पूजास्थलों के इस अवशिष्ट पुष्पीय प्रोजेक्ट के मार्गदर्शक शिक्षक की भूमिका में आशुतोष निर्मल हैं ।