तुलसी मीठे वचन ते सुख उपजत चहुं ओर

वसीकरण एक मंत्र है परिहरु वचन कठोर -आचार्य विनोदानन्द

बिंदु वर्मा ब्यूरो चीफ 

 प्रतापगढ़! लक्ष्मण पुर के काछा पूरे बोधराम में पण्डित रामचन्द्र शुक्ल के निवास पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के षष्ठम दिन कथा व्यास श्री विनोदानन्द जी महराज द्वारा आज की कथा में सुदामा चरित का वर्णन करते हुए सुदामा की कृष्ण भक्ति व कृष्ण के मित्र भाव का मार्मिक चित्रण करते हुए मित्रता की पराकाष्ठा की भगवत्कथा कही आज की कथा में व्यास जी ने द्वारिकाधीश के द्वार पर पत्नी के द्वारा प्रेरित व प्रेषित भक्त सुदामा के आने और श्री कृष्ण द्वारा ब्राह्मण पूजन और अतिथि सत्कार की कथा कही आज की कथा में मुख्य यजमान श्रीमती इंदू शुक्ला व श्री राम चंद्र शुक्ल के साथ श्री राम पाण्डेय, कुसुम लता पाण्डेय,अमित शुक्ल,जय प्रकाश शुक्ल, श्याम मणि शुक्ल, हरिश्चंद्र मिश्रा, अर्चना त्रिपाठी,अजय प्रकाश शुक्ल , रजत शुक्ल , शुभम शुक्ल, करुणेश त्रिपाठी , मिथिलेश तिवारी,राम गोपाल त्रिपाठी , संध्या ,रश्मि, रानी मिश्रा , प्रभावती जयकन्या शुक्ला, प्रतिमा शुक्ला मधुलिका शुक्ला अनंत, प्रतीक, नितिन रमाकांत तिवारी प्रफुल्ल तिवारी , सूरज तिवारी ,अमन तिवारी , पुष्कर शुक्ल, कपिल शुक्ल आदि उपस्थित रहे।