15 दिन से ठप्प है पृथ्वीगंज बाजार का बीयसयनयल बीटीयस० लगभग चार साल से एक्सचेंज में डायल टोन भी नहीं
15 दिन से ठप्प है पृथ्वीगंज बाजार का बीयसयनयल बीटीयस० लगभग चार साल से एक्सचेंज में डायल टोन भी नहीं

15 दिन से ठप्प है पृथ्वीगंज बाजार का बीयसयनयल बीटीयस०
लगभग चार साल से एक्सचेंज में डायल टोन भी नहीं
बिंदु वर्मा ब्यूरो चीफ
पट्टी।अहर्निशं सेवामहे” का आदर्श वाक्य लिए भारत संचार निगम लिमिटेड- बीयसयनयल का पृथ्वीगंज बाजार टेलीफोन एक्सचेंज व बीटीयस० नेटवर्क 15 दिन से पूरी तरह ठप्प है।इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय उप मंडल अधिकारी व दूर संचार जिला प्रबंधक से उपभोक्ताओं ने दूरभाष पर कई बार बात की मगर नतीजा शून्य रहा और 11अक्टूबर से क्षेत्रीय उपभोक्ता लगातार बीयसयनयल0 नेटवर्क से वंचित हैं. एक उपभोक्ता से तो टीडीयम ने जिले में कई अन्य जगहों पर फाल्ट आने की बात कह कर एक – दो दिन में ठीक करने की बात कही जबकि एक उपभोक्ता से लेबर न मिलने की बात की बात बताई. मगर इस आश्वासन के 10 दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है और उपभोक्ताओं का मोबाइल शो-पीस बन कर रह गया है. इस दौरान 15 दिन नेटवर्क का इन्तजार करते करते कई उपभोक्ताओं ने तो अपने सेवाप्रदाता भी बदल दिए मगर जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जून तक नहीं रेंग रही है. जिससे बीयसयनयल सिम रिचार्ज कराये उपभोक्ता अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एक समय पृथ्वीगंज एक्सचेंज से करीब सैकड़ों लैण्डलाइन/ ब्राडबैण्ड उपभोक्ता जुड़े थे, मगर सही सर्विस न दे पाने के कारण धीरे धीरे सभी ने बीयसयनयल को टाटा-टाटा, बाय-बाय कह दिया. यहाँ तक कि पृथ्वीगंज एक्सचेंज में लगभग 04 साल के अधिक समय से एक्सचेंज में डायल टोन तक भी नहीं, जिसके लिए विभाग से कई बार कहा गया मगर फिर भी प्रगति शून्य रही। इस सम्बन्ध में स्थानीय उपभोक्ता व समाजसेवी नसीम अंसारी ने बताया कि विभाग के टीडीयम० व यसडीओ० को कई बार फोन किया गया मगर आश्वासन के सिवा अभी तक कुछ नहीं मिला. थक हार कर कुछ उपभोक्ताओं ने केन्द्रीय संचार मंत्री, सांसद, दूर संचार मुख्य महा प्रबंधक व पूर्वी जोन के महा प्रबंधक को दर्जनों ट्वीट किये गए, फिर भी समस्या 15 दिन से जस की तस बनी हुई है. आखिर सवाल यह है कि बीयसयनयल सिम रिचार्ज कराये उपभोक्ताओं को क्या विभाग बंद अवधी का उनका पैसा वापस कराएगा या फिर उनके रिचार्ज की अवधि बढ़ाएगा. अगर स्थानीय अधिकारीयों का यही हाल रहा तो लैंड लाइन की तरह मोबाइल उपभोक्ता भी बीयसयनयल सेवा से अपना मुंह मोड़ लेंगे, तो पहले से ही आर्थिक समस्या से जूझ रहे इस समस्या का जिम्मेदार आखिर कौन होगा.।