आधुनिकता में गुम हो गई मिट्टी के बर्तन की सोंधी महक, प्लास्टिक व फाइबर के बर्तनों के सामने गुम हो गए मिट्टी के बर्तन, कुम्हार बिरादरी का पुश्तैनी धंधा बंद होने के कगार पर, पुश्तैनी धंधा बंद होने से परदेस पलायन कर रहे कुम्हार समाज के लोग, कुम्हार समाज के लोगों ने शासन प्रशासन से आर्थिक मदद की मांग की हैं ,
आधुनिकता में गुम हो गई मिट्टी के बर्तन की सोंधी महक, प्लास्टिक व फाइबर के बर्तनों के सामने गुम हो गए मिट्टी के बर्तन, कुम्हार बिरादरी का पुश्तैनी धंधा बंद होने के कगार पर, पुश्तैनी धंधा बंद होने से परदेस पलायन कर रहे कुम्हार समाज के लोग, कुम्हार समाज के लोगों ने शासन प्रशासन से आर्थिक मदद की मांग की हैं ,

आधुनिकता में गुम हो गई मिट्टी के बर्तन की सोंधी महक,
प्लास्टिक व फाइबर के बर्तनों के सामने गुम हो गए मिट्टी के बर्तन,
कुम्हार बिरादरी का पुश्तैनी धंधा बंद होने के कगार पर,
पुश्तैनी धंधा बंद होने से परदेस पलायन कर रहे कुम्हार समाज के लोग,
कुम्हार समाज के लोगों ने शासन प्रशासन से आर्थिक मदद की मांग की हैं ,
बिंदु वर्मा ब्यूरो चीफ
पट्टी।आधुनिकता की दौड़ में मिट्टी के बर्तन गायब होते जा रहे हैं। और प्लास्टिक व फाइबर के बर्तन का प्रचलन बढ़ने से कुम्हारों के सामने जीविकोपार्जन पर संकट छाता जा रहा है। और लोगों का पुश्तैनी धंधा से मोहभंग होता जा रहा है। और आधुनिकता की भाग दौड़ में मिट्टी के बर्तन की सोधी महक गुम होती जा रही है। सदियों से मिट्टी के बर्तन जहां पर शुभ अवसरों पर शुभ संकेत माने जाते थे। वहीं पर अब उपेक्षित होते जा रहे हैं। साथ ही मिट्टी के बर्तनों से अपनी जीविका चलाने वाले कुम्हार समाज के सामने संकट के बादल छाते जा रहे हैं। और पुश्तैनी धंधा बंद होने से कुम्हार समाज के लोग परदेस पलायन करने को विवश हैं। शासन प्रशासन के असहयोग के चलते कुम्हारों का पुश्तैनी धंधा बंद होने के कगार पर है। घरों में अब मिट्टी के बर्तन दियाली, कुल्हड़ ,परई सुराही ,गगरी ,मटका सब गुजरे जमाने की बात होती जा रही है। वर्तमान समय में कुल्हड़ में चाय की सोंधी महक बहुत कम मिल पा रही है।आधुनिकता के दौर में जहां लोग तेजी के साथ टेक्निकल गतिविधियों में आगे बढ़ रहे हैं। वहीं पर कुछ फायदेमंद चीजों को दरकिनार कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।विकास की दौड़ में लोग विनाशकारी चीजों को अपनाकर अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वर्तमान समय में फाइबर, प्लास्टिक, थर्माकोल के गिलास ,पत्तल ,दोना , ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया है। कुम्हार समाज के लोगों पर रोजी रोटी पर संकट के बादल छाते जा रहे है। पट्टी तहसील क्षेत्र के उडैंयाडीह बाजार निवासी कल्लू प्रजापति,देवी प्रसाद प्रजापति, नान्हू प्रसाद प्रजापति,राम अवतार प्रजापति बताते हैं कि प्लास्टिक व फाइबर के युग में कुम्हारों का पुश्तैनी धंधा चौपट हो गया है। इस धंधे से परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है। कुम्हार समाज उपेक्षा का शिकार होकर पुश्तैनी धंधा छोड़कर अब रोजी रोटी चलाने के लिए परदेस पलायन कर रहे हैं। और पुश्तैनी धंधा बंद होने की स्थिति से कुम्हार समाज के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा होता जा रहा है। क्षेत्रीय कुम्हार समाज के लोगों ने इस समस्या की ओर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कुम्हार समाज के उत्थान के लिए आर्थिक मदद किए जाने की मांग की है।