भागवत कथा के अंतिम दिन उमड़ा आस्था का जन सैलाब
बिंदु वर्मा ब्यूरो चीफ
प्रतापगढ़। रानीगंज क्षेत्र के जरियारी गांव में राम शिरोमणि मिश्र के यहां चल रही सात दिवसीय सप्ताह भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे।कथा वाचक जगदीश भूषण मिश्र ने कथा के दौरान परीक्षित मोक्ष,सुदामा चरित्र का मनोरम ढंग से वर्णन किया। सुदामा चरित्र का वर्णन अत्यंत मार्मिक और भावपूर्ण ढंग से किया गया,जिससे उपस्थित श्रद्धालु भावुक हो गए।सुदामा चरित्र के माध्यम से लोगों को निःस्वार्थ भाव से मित्रता निभाने का संदेश दिया गया।आगे आचार्य जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत संपूर्ण सिद्धांतों का निष्कर्ष है, भागवत कथा को सुनने से जन्म-मृत्यु के भय का नाश होता है,यह मुक्ति प्रदायक है।यह ग्रंथ भक्ति के प्रवाह को बढ़ाता है। यही नहीं भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने का यह प्रधान साधन है।मन की शुद्धि के लिए श्रीमद् भागवत से बढ़कर कोई साधन नहीं है इससे भक्ति,ज्ञान की प्राप्ति होती है।भगवान अपने भक्तों को कभी नहीं छोड़ते है। सुदामा प्रसंग का वर्णन करते हुए आचार्य जी ने कहा कि जैसे ही भगवान को उनके द्वारपाल ने बताया कि महल के बाहर एक ब्राह्मण आया है और अपना नाम सुदामा बता रहा है,तो भगवान खुद भाव विह्वल हो गए,उन्होंने यह भी नहीं देखा कि खड़ाऊं कहां है।वह नंगे पैर ही सुदामा से मिलने के लिए दौड़ पड़े और उन्हें महल के अंदर लाकर सिंहासन पर बैठा दिया।इसी तरह जो भगवान को दिल से याद करता है भगवान इसके लिए दौड़कर जरूर आते हैं।इस मौके पर मोहनलाल मिश्र,नीरज,रमाकांत तिवारी,प्रसिद्ध नारायण,रमेश,श्रीकांत,रामअवध समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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