राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) कोटा जिला सम्मेलन संपन्न गैर शैक्षणिक कार्य सार्वजनिक शिक्षा के लिए घातक : जनकवि कॉ.हंसराज चौधरी
राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) कोटा जिला सम्मेलन संपन्न गैर शैक्षणिक कार्य सार्वजनिक शिक्षा के लिए घातक : जनकवि कॉ.हंसराज चौधरी

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) कोटा जिला सम्मेलन संपन्न
गैर शैक्षणिक कार्य सार्वजनिक शिक्षा के लिए घातक : जनकवि कॉ.हंसराज चौधरी
कोटा/विजेंद्र सिंह दायमा । राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत का दो दिवसीय जिला शैक्षिक सम्मेलन शुभम रिसोर्ट बोरखेड़ा कोटा में लाडपुरा पंचायत समिति के प्रधान नईममुद्दीन गुड्ड् की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि – पंकज मेहता उपाध्यक्ष खादी ग्रामोद्योग बोर्ड राजस्थान, विशिष्ट अतिथि- ईश्वर सिंह पूर्व मंत्री शिक्षा सहकारी, राखी गौतम पीसीसी सचिव कांग्रेस पार्टी, घासी लाल सामरिया संरक्षक शिक्षक संघ शेखावत, संध्या राठौड़ अध्यक्ष शिक्षा सहकारी, अज़ीम पठान पूर्व ज़िलाध्यक्ष अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ, अशोक लोदवाल प्रदेश उपाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ, प्रदेश प्रतिनिधि बाबूलाल बलवानी, रामेश्वर सामरिया ज़िलाध्यक्ष अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ, गुलाम जिलानीं सभाध्यक्ष, महावीर मीणा ज़िलाध्यक्ष, सम्मेलन संयोजक महेन्द्र चौधरी, आदि मंच पर उपस्थित रहे।जिला शैक्षिक सम्मेलन का उद्घाटन सत्र संगठन के ध्वजारोहण के साथ प्रारंभ हुआ । सम्मेलन संयोजक महेंद्र चौधरी ने स्वागत भाषण तथा ज़िलाध्यक्ष महावीर मीणा ने अतिथियों का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।अतिथियों का माला,साफ़ा पहनाकर व मोमेंटो देकर स्वागत किया।
मुख्य वक्ता डॉ. संजय चावला तथा जनकवि हंसराज चौधरी ने नई शिक्षा नीति 2020 को सुगंधित लिफाफे में बंद एक छलावा बताया। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे किसान आंदोलन से प्रेरणा लेते हुए इस जनविरोधी नई शिक्षा नीति का पुरजोर विरोध करें वरना आने वाली पीढ़ी उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षक व बच्चे कह रहे हैं कि हमें पढ़ाने और पढ़ने दो, जबकि सरकार शिक्षक को अन्य कामों में उलझा कर शिक्षक को अपने मूल पेशे से अलग-थलग करने के प्रयास में है। चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों का एक ही उद्देश्य है और वह है सार्वजनिक संस्थाओं को बर्बाद करना व निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना। समाज के कमजोर, शोषित, वंचित वर्ग का ऐसी परिस्थितियों में जीना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बहुत सारी कमियां रखी गई है। आने वाली पीढ़ी को पंगु बनाया जा रहा है अतः ऐसी शिक्षा नीति का विरोध किया जाना अति आवश्यक है। प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक लोदवाल ने कहा कि हमारा संगठन एक जागरूक संगठन है और ऐसी परिस्थितियों में हमारी जवाबदेही ओर अधिक बढ़ जाती है कि हम सरकार की दमनकारी नीतियों का पुरजोर विरोध करें और आमजन को जागरूक करने का काम करें। इससे पूर्व ज़िला मंत्री विद्यासागर वर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिलाध्यक्ष महावीर मीणा ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम गैर शैक्षणिक कार्यों का न केवल विरोध करें, अपितु रणनीति बनाकर इनका बहिष्कार करना होगा। सम्मेलन को ईश्वर सिंह, बाबूलाल बुलवानी, घासीलाल सामरिया, अजीम पठान, रामेश्वर सामरिया ने भी संबोधित किया। अंत में पेंशनर्स का माला पहनाकर शम्स ओढ़ाकर मोमेंटो देकर सम्मानित किया।दूसरे दिन प्रस्ताव सत्र ग्रामीण भत्ता देने, 25%NPS आहरण की वापसी के आदेश निरस्तीकरण, स्थाई स्थानान्तरण पॉलिसी, बी एल ओ सहित समस्त गैर शैक्षणिक कार्य से पूर्णतः मुक्त रखने सहित 17सूत्री माँगों को शामिल किया गया, ध्वजअवतरण के साथ सम्मेलन समापन की घोषणा ज़िलाध्यक्ष द्वारा की गई।